मेलकॉम एक्स
यह एक अफ्रो-अमेरिकन जाने-माने क्रांतिकारी मेलकॉम एक्स की इस्लाम का अध्ययन करने और फिर इसे अपनाने की दास्तां है। मेलकॉम एक्स ने अमेरिका की रंग-भेद की समस्या का समाधान इस्लाम में पाया। मेलकॉम एक्स कहता था-मैं एक मुसलमान हूं और सदा रहूंगा। मेरा मजहब इस्लाम है।
मेलकॉम एक्स का बचपन
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मशहूर मुक्केबाज मुहम्मद अली के साथ मेलकॉम जाने-माने और क्रांतिकारी शख्स मेलकॉम एक्स का जन्म 19 मई 1925 को नेबरास्का के ओहामा में हुआ था। उसके माता-पिता ने उसको मेलकॉम लिटिल नाम दिया था। उसकी मां लुई नॉर्टन घरेलू महिला थी और उसके आठ बच्चे थे। मेलकॉम के पिता अर्ल लिटिल स्पष्टवादी बेपटिस्ट पादरी थे। अर्ल काले लोगों के राष्ट्रवादी नेता मारकस गेर्वे के कट्टर समर्थक थे और उनके कार्यकर्ता के रूप में जुड़े थे। उनके समर्थक होने की वजह से अर्ल को गोरे लोगों की तरफ से धमकियां दी जाती थीं, इसी वजह से उन्हें दो बार परिवार सहित अपने रहने की जगह बदलनी पड़ी। मेलकॉम उस वक्त चार साल के थे। गोरे लोगों ने अर्ल के लॉन्सिग, मिशिगन स्थित घर को जलाकर राख कर दिया और इस हादसे के ठीक दो साल बाद अर्ल लिटिल का कटा-पिटा शव शहर के ट्रॉली-ट्रेक के पार पाया गाया। इस हादसे के बाद उनकी पत्नी और मेलकॉम की मां लुई का मानसिक संतुलन गड़बड़ा गया और उसे मनोचिकित्सालय में भर्ती कराना पड़ा। मेलकॉम की उम्र उस
Impressum
Verlag: BookRix GmbH & Co. KG Tag der Veröffentlichung: 21.03.2015 ISBN: 978-3-7368-8474-8
Alle Rechte vorbehalten Widmung: मेलकॉम एक्स
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